
दो राज्यों में एक नम्बर के वोटर आईडी सम्भव, फर्जीवाड़ा नहीं, मतदाताओं को चुनाव आयोग देगा यूनिक नम्बर
RNE Network
दो अलग अलग राज्यों के मतदाताओ के वोटर कार्ड पर एक जैसे इलेक्टर्स फोटो आइडेंटिटी कार्ड ( एपिक ) नम्बर को लेकर चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि एक जैसे एपिक नम्बर का मतलब यह नहीं कि लिस्ट में फर्जी वोटर है।
आयोग डुप्लीकेट एपिक नम्बर से बचने के लिए पंजीकृत मतदाताओं को यूनिक एपिक नम्बर का आवंटन सुनिश्चित करेगा। इसके लिए एरोनेट 2.0 प्लेटफार्म को अपडेट किया जायेगा।टीएमसी ने हाल ही में भाजपा पर वोटर लिस्ट में गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए कहा था कि हरियाणा और पश्चिमी बंगाल के कुछ वोटर्स के पास एक ही एपिक नम्बर है। चुनाव आयोग के निदेशक अनुज चांडक ने कहा कि आयोग ने सोशल मीडिया पोस्ट व मीडिया रिपोर्ट पर संज्ञान लिया है।
कुछ मतदाताओं के एपिक नम्बर समान हो सकते हैं, लेकिन इन मतदाताओं के जनसांख्ययिक, विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र और मतदान केंद्र समेत अन्य विवरण अलग अलग है। समान एपिक नम्बर के बावजूद कोई भी मतदाता अपने राज्य या केंद्र शाषित प्रदेश में सम्बंधित निर्वाचन क्षेत्र में निर्दिष्ट मतदान केंद्र पर ही वोट डाल सकता है, जहां मतदाता सूची में उसका नाम है। वह कहीं और मतदान नहीं कर सकता।
इस कारण हुई गड़बड़ी:
आयोग के अनुसार पहले हर राज्य मैनुअल तरीके से एपिक नम्बर देते थे। डेटा सेंट्रलाइज नहीं था। एपिक नम्बर देने के लिए राज्यों का पैटर्न एक जैसा था। एरोनेट आयोग का सेंट्रलाइज्ड प्लेटफार्म है। यहां देशभर के वोटर्स का डेटा शिफ्ट किया जाता है। गड़बड़ी डेटा शिफ्ट करने से पहले हुई।